बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी विश्व के संबसे बड़े विश्विधालयो में से एक है

बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी की स्थापना सन 1916 में हुई थी

बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी की स्थापना में मदन मोहन मालवीय जी का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है

बीएचयू परिसर परंपरा और आधुनिकता का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण है चाहे वो विश्वनाथ मंदिर हो या फिर भारत कला भवन

बीएचयू में विविध शैक्षणिक हितों को पूरा करने वाले विभिन्न संकाय हैं।

चाहे वह कला हो, विज्ञान हो, कानून हो या चिकित्सा

विश्वविद्यालय अग्रणी अनुसंधान केंद्रों के साथ अनुसंधान और नवाचार में सबसे आगे है

बनारस हिन्दू विश्विधायालय मुख्य परिसर 1300 एकड़ में बना है

बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी का साउथ कैंपस 2700 एकड़ में बना है जिसको बरकछा कैंपस भी बोलते है

बनारस हिन्दू विश्विधायालय के कई पूर्व छात्र आज देश के महत्वपूर्ण कुर्सी पे विराजमान है