You are currently viewing Govind Jaiswal रिक्शे वाले का लड़का बना IAS,रहने वाले बनारस के है

Govind Jaiswal रिक्शे वाले का लड़का बना IAS,रहने वाले बनारस के है

Govind Jaiswal आईएएस शायद ही लोग इस नाम को ना जानते हो लेकिन बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि गोविन्द जायसवाल बनारस के रहने वाले है.उनके पिता जी श्री नारायण जायसवाल रिक्शा चला के अपने बेटे को आईएस बनाया है जो की एक प्रेरणादायक कहानी है.इस आर्टिकल में हम जानेगे बनारस के रहने वाले आईएएस गोविन्द जायसवाल के बारे में.

Govind Jaiswal अपने प्रारंभिक जीवन में

पूरा परिवार अलीपुरा स्थित एक मकान में किराये पे रहते थे और एक कमरे में 5 लोग रहते थे, अभी भी गोविन्द उस मकान का किराया भरते है उनका मानना है की वो मकान उनके लिए भाग्यशाली है.गोविन्द की माता जी का देहांत 1995 में बिमारी की वजह से हो गया था जब वो 8वी में पढाई कर रहे थे.उनका बचपन कठनाईयो से भरा था माता जी के बीमारी की वजह से आर्थिक संकट आ गया था जिसकी वजह से गोविन्द के पिता जी ने 20 रिक्शा बेच दिए थे.और उसके बाद कुछ रिक्शा नारायण जायसवाल जी ने बेटियों की शादी के लिए बेच दिया था.

दोस्त के पिता ने घर से निकाल दिया था

आईएएस गोविन्द जायसवाल बताते है की जब वो 13 साल के थे तो वो अपने एक दोस्त के घर गए थे वहां फिर उस दोस्त के पिता जी आ गए और गोविन्द को घर से बहार निकाल दिया. उनका कसूर बस इतना था की वे एक रिक्शा चलाने वाले के लड़के थे.ये बात उनके दिमाग में एकदम बैठ सी गयी थी उसी के बाद उन्होंने कुछ बड़ा करने की ठानी थी.

Govind Jaiswal प्रारंभिक शिक्षा

हालाँकि गोविन्द जायसवाल जी बचपन से ही पढ़ने लिखने में काफी अच्छे थे और पिता जी को उम्मीद थी की वो कुछ कर के दिखाएंगे.गोविन्द ने शुरूआती शिक्षा उस्मानपुरा के सरकारी विद्यालय से ली उसके बाद हरिश्चन्द विश्विद्यालय से उन्होंने मैथ्स में ग्रेजुएशन किया.

Govind Jaiswal UPSC तैयारी

गोविन्द जायसवाल के पिता जी नारायण जायसवाल बेटे की पढाई को लेके कुछ भी करने को तैयार थे इसीलिए जब गोविन्द ने ग्रेजुएशन अपना पूरा किया,और UPSC की तयारी करने के लिए लिए दिल्ली जा रहे थे तो जो बचे हुए रिक्शा थे वो भी उन्होंने बेच दिया ताकि बच्चे की पढाई में कोई कमी न हो.वो 2004-2005 में UPSC की तयारी के लिए दिल्ली चले गए थे.नारायण जायसवाल जी ने खुद रिक्शा चला के गोविन्द को पैसा भेजा जिससे कि गोविन्द आराम से पढाई कर सके.

एक बार तो नारायण जायसवाल जी को पैर में घाव हो गया था उसके बावजूद भी उन्होने रिक्शा चला के बेटे को पैसा भेजा.वहीं गोविन्द जायसवाल भी एक टाइम की चाय और टिफ़िन को बंद कर दिया था और बच्चो को टूशन पढ़ाते थे ताकि उनके पिता जी पे कम भार आये.

Govind Jaiswal IAS Rank

पिता जी की मेहनत और त्याग और अपनी मेहनत और त्याग के बदौलत गोविन्द जायसवाल ने अपने UPSC के पहले प्रयास में ही उन्होंने 2007 में 48वी रैंक हासिल कर ली थी

Govind Jaiswal की शादी

आईएएस गोविन्द जायसवाल की शादी आईपीएस चंदना चौधरी से हुई है.उन दोनों की शादी में अहम भूमिका निभायी थी गोविन्द जायसवाल के जीजा जी राजेश ने,उन्होंने ही पहले गोविन्द के सामने चंदना से शादी का प्रस्ताव रखा फिर चंदना की नानी गोविन्द को देखने उनके घर आई और वहाँ फिर उन दोनों रिश्ता पक्का हो गया था.

Govind Jaiswal के ऊपर फिल्म

गोविन्द जायसवाल की प्रेरणादायक कहानी को लेके एक फिल्म भी आ चुकी है 2023 में जिसका नाम था अब दिल्ली दूर नही.

समापन

अभी आईएएस गोविन्द जहाँ सेंट्रल हेल्थ मिनिस्ट्री में तैनात है वहीं उनकी पत्नी आईपीएस चंदन चौधरी दिल्ली में तैनात है.और गोविन्द ने अपने पिता जी को बनारस के ब्रिजन्क्लेव में एक अच्छा सा मकान गिफ्ट किया है. वहीं वो अभी भी अलैईपुर वाले मकान के कमरे का 1200 रूपया देते है. उनके परिवार का मानना है की वो कमरा उन लोगों के लिए शुभ रहा है.

भारत माता मंदिर वाराणसी इतिहास और मंदिर का महत्व

SIDDHARTH SHUKLA फर्श से अर्श तक

Leave a Reply