Bharat Mata Mandir भारत माता मंदिर वाराणसी का एक प्रमुख आकर्षण है. यह मंदिर वाराणसी रेलवे स्टेशन से करीब 1 किलोमीटर की दुरी पे स्थित है और इसका निर्माण 1936 में स्वंत्रता सेनानी श्री शिवप्रसाद गुप्त जी ने कराया था.यह वाराणसी का ऐसा मंदिर है जहाँ पे एक भी मूर्ति नहीं है.
Table of Contents
Bharat Mata Mandir वाराणसी इतिहास
मंदिर का निर्माण स्वंत्रता से पहले सन्न 1936 में स्वंत्रता सेनानी श्री शिवप्रसाद गुप्त जी ने कराया था.ये वाराणसी के काशी विद्यापीठ परिसर में स्थित है.इसके उद्धघाटन स्वयं परम पूज्य महात्मा गांधी ने किया था और इसके उद्धघाटन के समय अब्दुल गफ्फार खान और सरदार वल्लभ भाई पटेल स्वयं मजूद थे
Bharat Mata Mandir वाराणसी महत्व
मंदिर पूरी तरह से संगमरमर से बना हुआ है और मंदिर में बहुत ही अच्छे से भारत का नक्शा दिखाया गया है,मंदिर में आपको एक भी मूर्ति देखने को नहीं मिलेगी और इसकी वास्तुकला नागर शैली में है। मंदिर के सामने एक सुंदर उद्यान है जहाँ पर्यटक घूम सकते हैं. मंदिर राष्ट्रवाद की भावना से ओतप्रोत है. यहां आने वाले पर्यटक राष्ट्र प्रेम का अनुभव कर सकते हैं. मंदिर परिसर में कई दुकानें हैं जहाँ से पर्यटक स्मृति चिन्ह खरीद सकते हैं.
आजादी के आंदोलन के दौरान यहां कई बैठकें और प्रदर्शन हुए थे. भारतेंदु हरिश्चंद्र, मदन मोहन मालवीय, पंडित मदन मोहन मालवीय जैसे कई स्वतंत्रता सेनानियों ने यहां भाषण दिए थे.आज भी 15 अगस्त और 26 जनवरी को यहां झंडारोहण और विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. मंदिर वाराणसी देशभक्ति की एक मिसाल है.
Bharat Mata Mandir वाराणसी आसपास
मंदिर वाराणसी रेलवे स्टेशन से करीब 1km दूर है तो वही वाराणसी का मुख्य मंदिर काशी विश्वनाथ से करीब करीब 4km दूर है. वही मुख्य घाट जैसी की दशास्वमेध घाट भी 4km दुरी पे स्थित है.मंदिर के पास आपको खाने पीने की दुकाने, होटल और मॉल भी मिल जायेगा जहाँ आप अच्छा समय व्यतीत कर सकते है.
Bharat Mata Mandir कब पहुँचे और कैसे जाना चाहिए
मंदिर साल में कभी भी जा सकते है बस ज्यादा गर्मी में जाने से बचना चाहिए क्यूंकि बनारस में अप्रैल,मई,जून में अत्यधिक गर्मी पड़ती है.मंदिर बनारस के बीच में होने के कारण रेल,हवाईजहाज़,बस,कार किसी भी चीज़ से आसानी से पहुँच सकते है.