वाराणसी जिले, उत्तर प्रदेश के पावन नगरी के किनारे स्थित सुल्तानकेश्वर मंदिर एक धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है
मान्यता है यहाँ भगवान शिव ने त्रिशूल गाड़कर गंगा के वेग को रोका था। इसलिए इनका नाम सुल्तानकेश्वर पड़ा.
सुल्तानकेश्वर मंदिर का आकर्षण उसकी सुंदर वास्तुकला और आकर्षक शिव लिंग की मूर्ति है
सुल्तानकेश्वर मंदिर के प्रांगण में एक पावन जल धारा है, जिसमें पवित्र गंगा का पानी रखा जाता है
मंदिर से सटा हुआ सुन्दर सा घाट है जहां से गंगा माँ जाती है और यही से होते हुए वो काशी में प्रवेश करती है
श्रद्धालु जो महादेव का दर्शन करने आते है वो इस गंगा जी में डुबकी अवश्य से लगाते है
सुल्तानकेश्वर मंदिर वाराणसी जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से लेके मार्च तक का है
हालांकि गर्मियों में भी जा सकते है वाराणसी लेकिन गर्मियों में तापमान 40 से ऊपर रहता है.
मंदिर वाराणसी मैन सिटी से थोड़ा दूर हटके है अगर बात की जाए वाराणसी रेलवे स्टेशन से इसकी दूरी की तो करीब 16KM दूर है.
वहीं काशी विश्वनाथ से
सुल्तानकेश्वर
की दूरी करीब 22 KM है