Varanasi

Tulsi Ghat Varanasi खोया हुआ सा खूबसूरत घाट

Tulsi Ghat Varanasi:- तुलसी घाट गंगा किनारे पर स्थित बहुत ही सुन्दर घाट है, जो धार्मिक और सांस्कृतिक महत्त्व का प्रतीक है. यहाँ संत तुलसीदास के नाम पर निर्मित है, जो ‘रामचरितमानस’ के प्रसिद्ध रचनाकार थे. घाट के पास अनेक मंदिर और धार्मिक स्थल हैं, जो परंपरागत रूप से पर्यटकों को आकर्षित करते हैं.

इसके अलावा, तुलसी घाट वाराणसी का भव्य दृश्य, सुंदर संस्कृति, और धार्मिक वातावरण पर्यटकों को आकर्षित करता है। यहाँ पर लोग गंगा के किनारे आकर्षित होते हैं और अपने धार्मिक कर्तव्यों को पूरा करते हैं।

तुलसी घाट वाराणसी के सौंदर्य और धार्मिक वातावरण ने इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल बना दिया है, जो भारतीय संस्कृति और धार्मिकता के प्रति आदर्श दर्शाता है.

Tulsi Ghat Varanasi का नाम कैसे पड़ा?

तुलसी घाट वाराणसी में स्थित गंगा नदी का एक प्रमुख घाट है। यह घाट लगभग 4 मील लंबा है और गंगा के तट पर स्थित है। इसे “लोलार्क घाट” भी कहा जाता है, और यह एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है जो वाराणसी के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। इस घाट पर भगवान सूर्य का मंदिर स्थित है और यहां कृष्ण लीला नाट्य मंचन की शुरुआत संत तुलसीदास जी ने की थी। हाल ही में, घाट पर लोगों के डूबने की संख्या बढ़ने के कारण, यह डेथ प्वाइंट बन गया है और स्थानीय प्रशासन ने इसे खतरनाक माना है.

Tulsi Ghat Varanasi का धार्मिक महत्त्व

तुलसी घाट पर हिन्दू धर्म के अनुसार श्राद्ध के कार्य, पितृ तर्पण, गंगा स्नान, और पूजा-अर्चना के रितुअल होते हैं। यहां पर लोग गंगा स्नान करते हैं और अपने पूर्वजों के श्राद्ध करते हैं।इसके अलावा, तुलसी घाट पर सभी प्रमुख हिन्दू त्योहारों के दौरान विशेष पूजा-अर्चना आयोजित की जाती है। इसके अतिरिक्त, इस घाट पर कई धार्मिक आचार्य, संत, और धार्मिक विद्वान भी रहते हैं, जो धार्मिक उपदेश और उनकी अनुगामी सेवा के लिए प्रसिद्ध हैं।

Tulsi Ghat Varanasi कैसे पहुंचे?

तुलसी घाट अस्सी घाट से सटा हुआ घाट है.तुलसी घाट पहुंचने के लिए आपको सबसे पहले अस्सी घाट आना होगा वहां से मात्र 200 से 250 मीटर की दुरी पर है जो की आपको पैदल चलना होगा क्युकी घाट पे किसी भी प्रकार का वाहन नहीं चलता.अगर आप किसी अन्य घाट पे है तो वहां से नाव ले के आप आसानी से तुलसी घाट पे आ सकते है.

Tulsi Ghat Varanasi पे रहने के लिए होटल?

तुलसी घाट पे विशेषकर रहने के लिए होटल नहीं है लेकिन तुलसी घाट से सटा हुआ अस्सी घाट है वहाँ पे होटल मिल जायेगा लेकिन घाट पे होने की वजह से आपको एक अच्छा ख़ासा किराया देना पड़ सकता है.अगर बजट में होटल चाहिए तो घाट से हट के मुख्य सड़क पे और गली में होटल मिल जायेगा जिससे आप घाट के साथ साथ अन्य मंदिरों का भी दर्शन आसानी से कर पाएंगे और कैब रिक्शा भी आसानी से मिल जायेगा.

इस प्रकार, तुलसी घाट वाराणसी का धार्मिक महत्व गहरा है और यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में अपनी भूमिका निभाता है.सनातन धर्म के लिए भी ये घाट के विशेष महत्व रखता है क्यूंकि तुलसी दास जी ने इसी घाट पे रामचरित्र मानस की रचना की थी.

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